डेस्क: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टर कफील खान को मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया है। 1 सितंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की बेंच ने कफील पर लगाए एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) को भी रद्द कर दिया था जिसके बाद देर रात कफील खान को जेल से रिहा कर दिया गया।

बता दे की गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से जुड़े रहे डॉ कफील खान को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीए के विरोध के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत करीब साढ़े 7 महीने से वह मथुरा जेल में बंद थे। आदेश के बाद कफील के परिजन उनकी रिहाई के लिये मथुरा जेल पहुंचे लेकिन अधिकारियों ने आदेश न मिलने का हवाला देते हुए उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में देर रात कफील खान को रिहा कर दिया गया।
जेल से रिहाई के बाद कफील खान ने अदालत का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वह उन तमाम शुभचिंतकों के भी हमेशा आभारी रहेंगे जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाई। लोगों की दुआ की वजह से वह रिहा हुए हैं, मगर आशंका है कि सरकार उन्हें फिर किसी मामले में फंसा सकती है। कफील ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की आदेश में उन्होंने लिखा है उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झूठा बेसलेस केस मेरे ऊपर थोपा। बिना बात के ड्रामा करके केस बनाए गए और 8 महीने तक इस जेल में रखा। इस जेल में मुझे पांच दिन तक बिना खाना, बिना पानी दिए मुझे प्रताड़ित किया गया। मैं उत्तर प्रदेश के एसटीएफ को भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय मुझे एनकाउंटर में मारा नहीं।