डेस्क: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया है। 74 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। इस बात की जानकारी उनके बेटे व लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पापा अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
वर्ष 1989 से सिर्फ दो प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर और पी. वी. नरसिंह राव को छोड़ कर विश्वनाथ प्रताप सिंह, एच. डी. देवगौड़, इंद, कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री रहे श्री पासवान का जन्म बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी में 05 जुलाई 1946 को हुआ था। पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और कानून की डिग्री हासिल करने वाले श्री पासवान को एक पुत्र और तीन पुत्री है।
रामविलास पासवान ने कहा था कि चिराग को जब मेरी बीमारी का पता लगा तो उसने मुझे अस्पताल में भर्ती करा दिया। हालांकि उस वक्त उन्होंने ये नहीं बताया था कि बीमारी क्या थी। लेकिन इसके बाद पता लगा कि उनको कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां थी। इसमें से हार्ट समस्या भी शामिल है। इसके बाद उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने लिखा था कि अस्पताल के डॉक्टर्स अपनी पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं इस खबर को सुनकर काफी दुखी हुआ हूं। इसको व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। उनके जाने से राष्ट्र में एक खालीपन छा गया है। उनकी मौत मेरे लिए एक पर्शनल हानि की तरह है। मैंने एक मित्र खोया है।
वर्ष 2000 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से अलग होकर श्री पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का गठन किया और तब से वर्ष 2019 तक वह इसके अध्यक्ष रहे। पांच नवंबर 2019 को श्री पासवान ने पार्टी की कमान अपने पुत्र चिराग पासवान को सौंप दी।
वर्ष 1969 में बिहार विधानसभा के सदस्य बनने वाले श्री पासवान ने जेपी आंदोलन के दौरान बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और उस दौरान आपातकाल का विरोध करने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।