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मोदी सरकार ने देश और घर का बजट बिगाड़ा! – Rahul Gandhi

एक बढ़ता हुआ दर्द जो गीत बन गया… सखी सईंया तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खाये जात है। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम हर महीने बढ़ने से लोगों पर एक आर्थिक बोझ बढ़ गया है। अगर हम यह कहें कि देश में महंगाई और रोजगार जैसे मुद्दों पर जनता में लामबंदी बहुत कम देखी जाती है, लोग सड़कों पर नहीं उतरते तो मान लीजिए कि यह सरकारों का सौभाग्य है। असल में यही देश का दुर्भाग्य भी है। सरकारें एक-दूसरे को कोसती रह जाती हैं। कोई कहता है पुराने दिन ही भले थे, कोई अच्छे दिन की ढांढस बंधाता रह जाता है। लेकिन समस्या जत की तस मुंह बाय़े खड़ी है। पिछले दिनों फिर डीजल और पेट्रोल का दाम बढ़ गया है। ऐसे में राहुल गांधी का वार, बोले- मोदी सरकार ने देश और घर का बजट बिगाड़ा!

rahul gandhi

शनिवार को राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मोदी सरकार ने बजट बिगाड़ दिया- देश और घर, दोनों का!”

वित्त वर्ष (2021-22) के आम बजट (Budget 2021) के बाद से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष Rahul Gandhi मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। राहुल गांधी ने अपने ताजा ट्वीट में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमत और रसोई गैस के दाम को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रसरकार देश और घर दोनों का बजट बिगाड़ दिया है.

congress rahul Gandhi

 

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने आम बजट में पेट्रोल प्रति लीटर 2.5 रुपये और डीजल प्रति लीटर चार रुपये के कृषि उपकर का प्रस्ताव किया है।  हालांकि, इतनी ही राशि उत्पाद शुल्क के रूप में घटाकर इस बढ़ोतरी को समायोजित किया जाएगा।

शुक्रवार की बात करे तो दिल्ली में पेट्रोल करीब 30 पैसे बढ़कर 86.95 रुपये प्रति लीटर के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया है. वहीं मुंबई में पेट्रोल 93.49 रुपये प्रति लीटर की नयी ऊंचाई पर पहुंच गया है. इसी तरह दिल्ली में डीजल 77.13 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 83.99 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया.

petrol pump

राहुल गांधी ने शनिवार सुबह एक खबर शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “मोदी सरकार ने बजट बिगाड़ दिया- देश और घर, दोनों का!” इससे पहले, शुक्रवार को कांग्रेस नेता ने बजट को लेकर फिर आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी के ‘मित्र’ केंद्रित बजट में- किसान को पेट्रोल-डीज़ल के ज़्यादा दाम देने होंगे और कोई आर्थिक मदद भी नहीं मिलेगी। तीन कृषि-विरोधी क़ानूनों से कुचले जाने के बाद देश के अन्नदाता पर एक और वार!”

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