हरियाणा: पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले- मेरा कर्म और धर्म किसान,पार्टी बाद में। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि मेरा कर्म भी और धर्म भी किसान और खेती है जो मेरे लिए प्राथमिक है। पार्टी और राजनीति बाद में आते हैं। किसान संगठन एकजुट होकर मेरे पास आएं तो मैं उनकी अगुवाई करने को तैयार हूं।
किसानों व सरकार के बीच अविश्वास की भावना आ गई है। उसे दूर किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के साथ अब तक की बातचीत में किसान व सरकार के बीच नजदीकियां आई हैं। किसानों की सभी आशंकाएं दूर होनी चाहिएं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो कृषि कानून बनाए गए हैं, किसानों को इस पर शंका है कि यह कानून उनके लिए ठीक नहीं है। इस आशंका को दूर किया जाना चाहिए। अब किसान चाहते हैं कि इन तीन किसी कानून को निरस्त किया जाए।
वे चाहते हैं कि ऐसी परिस्थितियां न बने कि कोई नुकसान हो। इसीलिए भारत सरकार को किसानों की जो उचित बात है, उसे पूरा करना चाहिए। इस आंदोलन में भारत की जितनी भी किसान यूनियन हैं, उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपने अंदर प्रवेश करने नहीं दिया है। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस समय 1400 किसान यूनियन हैं। यदि सभी एकजुट होकर आएं तो वे उनके साथ चलने को तैयार हैं। वे अब चुनाव की राजनीति नहीं करेंगे। आज जो कांग्रेस पार्टी बिलों का विरोध कर रही है। उसी ने कांट्रेक्ट फार्मिंग शुरू की थी। इस समय किसी भी राजनीतिक पार्टी को राजनीति नहीं करनी चाहिए।