डेस्क: करनाल के सिंगड़ा में नानकसर गुरुद्वारे में आज संत बाबा राम सिंह जी को अंतिम विदाई दी गई। जब वो पंचत्वत में विलीन हुए तो सभी की आंखे नम थी, हर कोई दुख में डूबा हुआ था। उनके अंतिम संस्कार के लिए 5 फुट ऊंचा अंगीठी साहब बनाया गया था जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। कल से ही अलग अलग राज्यों से संगत के साथ साथ बड़े बड़े सियासी नेता उनके अंतिम दर्शन करने के लिए सिंगड़ा के नानकसर गुरद्वारे में पहुंच रहे थे।
वहीं किसान आंदोलन सिंघु बॉर्डर से भी संगत के साथ साथ किसान जत्थेबंदी के नेता भी पहुंच रहे थे। सबके मन में जहां दुख था वहीं इस बात का गुस्सा भी की सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है जिसके कारण बॉर्डर पर कभी हादसों में कभी बीमारी से , कभी ठंड से किसानों की मौत हो रही है और अब बाबा राम सिंह की मौत को हर किसी ने झकझोर कर रख दिया। सबका कहना है कि सरकार को अपनी ज़िद्द छोड़कर किसानों की मांगों पर विचार करना चाहिए और उनकी बात माननी चाहिए। नेताओं का कहना था कि बाबा राम सिंह ने किसानों के लिए बलिदान दिया है , जो कभी भुलाया नहीं जा सकता, उनकी कमी कोई पूरी नहीं कर पाएगा। नेताओं ने कहा कि सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है , सरकार को अब समझना चाहिए और इसका समाधान निकालना चाहिए।
संत बाबा राम सिंह की मौत पर हर कोई दुखी है और इस दुख का दर्द इसलिए भी गहरा है कि क्योंकि बाबा जी के इस कदम पर किसी को यकीन नहीं हुआ। किसानों का दर्द उनसे देखा नहीं गया औऱ उन्होंने अंतिम सांस ले ली।