डेस्क: 27 नवंबर किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आप सरकार से शहर के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है जहां हिरासत में लिए गए तथा गिरफ्तार किए गए किसानों को रखा जा सके।
जिसके बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस द्वारा राजधानी के स्टेडियम के अस्थाई जेल में बदलने की मांग को खारिज कर दिया है । सीएम केजरीवाल ने कहा कि किसानों की मांग जायज है। केंद्र सरकार को किसानों की मांग तुरंत माननी चाहिए। अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा कि किसानों को जेल में डालना इसका समाधान नहीं है। इनका आंदोलन बिलकुल अहिंसक है। अहिंसक तरह से आंदोलन करना हर भारतीय का अधिकार है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि स्टेडियम को जेल में बदलने की दिल्ली पुलिस की मांग को हमारी सरकार नामंजूर करती है।
बता दे कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत शुक्रवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के गोले दोगे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद पंजाब से किसानों के दल हरियाणा में पुलिस के अवरोधकों को तोड़ते हुए शुक्रवार सुबह दिल्ली की दो सीमाओं के निकट पहुंच गए।
किसानों के दो समूह सिंघू और टिकरी बार्डर के पास पहुंच गए और दिल्ली पुलिस ने उन्हें शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोडे। सिंघू बार्डर पर पहुंचने वाले एक दल में शामिल पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के एक किसान ने कहा,’हम दिल्ली में प्रवेश करेंगे। हम इन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करवाएंगे। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में हमारा स्वागत आंसू गैस के गोलों से किया।
किसान समूह के अनुसार वे रात में कई स्थानों पर ठहरे और पानीपत में पुलिस अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली की सीमा के पास तक पहुंचे हैं। रात में दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत में और उसके आसपास किसानों का एक बड़ा समूह डेरा डाले रहा और एक दल विभिन्न मार्गों से होता हुआ सोनीपत- दिल्ली सीमा पर पहुंच गया।