यूपी में बीते 24 घंटों के दौरान जो घटनाएं हुई उससे सियासी संकट की स्थिति बन गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के निर्देेश पर रामगोपाल ने मंगलवार को देर शाम अचानक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के स्थान पर कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया इसके दो घंटे बाद ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल के सभी महकमे छीन लिए और उन्हें समाज कल्याण के साथ भूमि विकास एवं जल संसाधन का कार्यभार दिया गया। सपा सूत्रों की मानें तो अगले 24 घंटे समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए काफी अहम होंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश बड़े फैसले लेते हैं या फिर अपने बड़े फैसले बदलते हैं।
विभागों में बदलाव के कुछ देर बाद ही शिवपाल का जवाब आया की वे बुधवार को मंत्रीमण्डल से इस्तीफा दें देंगे और संगठन के लिए काम करेंगे। उनका कहना है कि वे संगठन में रहकर विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेेश मुख्यमंत्री हैं वे मुख्यमंत्री का ही काम संभालेंगे।
समाजवादी पार्टी में ये उथल-पुथल सोमवार से शुरू हुई जब एक घंटे के भीतर दो कद्दावर मंत्रियों की मंत्रीमण्डल से छुट्टी दे दी गई। उसके बाद मंगलवार सुबह शिवपाल के करीबी मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया गया। उनके स्थान पर प्रमुख सचिव वित्त रहे राहुल भटनागर को बना दिया गया। शाम होते-होते पार्टी ने उत्तर प्रदेश की कमान बेटे अखिलेश यादव से लेकर अपने छोटे भाई शिवपाल यादव को सौंप दी है। उन्होंने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया। इस कार्रवाई से नाराज अखिलेश ने कुछ देर बाद ही शिवपाल यादव से महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए।
चुनाव से ठीक पहले सपा का यह फैसला बताता है कि पार्टी में अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंत्रियों के बाद हटाए गए मुख्य सचिव दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। ऐसे में चाचा- भतीजे की लड़ाई आमने सामने आते देख मुलायम सिंह ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।