एक बार फिर से इंदौर की धरती पर रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच होने जा रहा है। इंदौर शहर को रणजी ट्रॉफी फाइनल मुकाबले की मेजबानी करने का अवसर पहले भी तीन मर्तबा मिल चुका है। यह सिलसिला आजादी के पहले से शुरू हो चुका था, जब राजाओं की टीम के बीच प्रतिस्पर्धा होती थी।
सबसे पहला फाइनल मैच आजादी मिलने के ठीक एक साल पहले मार्च-1946 में होलकर राज्य व बड़ौदा के बीच यशवंत क्लब ग्राउंड पर हुआ था। इसमें होलकर की टीम 56 रनों से जीती थी। मैच की खासियत यह रही थी, कर्नल सीके नायडू ने दोहरा शतक बनाया था। इसके बाद अलग- अलग सालों में शहर को क्रिकेट की मेहमान नवाजी का मौका मिलता गया। इंदौर में चौथी दफा होने वाले रणजी के फाइनल मैच के लिए दर्शकों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ेगा।