डेस्क : राजस्थान की सियासत में रोज नए रंग दिखा रही है। पहले जहां पायलट और गहलोत खेमा एक दूसरे पर वार कर रहा था। वहीं अब सनसनीखेज ऑडियो टेप सामने आने के बाद राजस्थान कांग्रेस और बीजेपी दोनों आमने- सामने आ गए हैं। वहीं राजस्थान एसओजी भी टेप के सामने आने के बाद इस मामले में तेजी से इंवेस्टिगेशन में लग गई है। साथ ही इसके चलते अब पायलट खेम के मुश्किलें बढ़ने लगी है। शुक्रवार को एसओजी की टीम मानसर पहुंची, तो उन्हें बागी विधायकों से मिलने जाने नहीं दिया गया। इसके बाद एक घंटे बाद टीम अंदर गई, तो विधायक वहां से नदारद थे। इधर ऑडियो टेप के सामने के बाद बीजेपी- कांग्रेस भी एक दूसरे को कानूनी पचड़े में फंसाने में लगे हैं।
वही सियासी सरगर्मी की आंच दिल्ली तक पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव से फोन टैपिंग मामले पर रिपोर्ट तलब कर ली है। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन पहुंचे जिससे तमाम अटकलें लगाई जाने लगीं। वहीं भाजपा नेता अशोक सिंह और भारत मलानी ने फोन टैपिंग मामले की जांच के लिए अपनी आवाज के नमूने (Voice Sample) देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि कथित खरीद फरोख्त के सनसनीखेज ऑडियो टेप सामने आने के बाद राजस्थान कांग्रेस और भाजपा दोनों आमने-सामने आ गए हैं। राजस्थान एसओजी भी इस मामले की तेजी से छानबीन में जुट गई है।
स बीच जयपुर की एक अदालत ने संजय जैन को राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (Special Operations Group, SOG) की चार दिन की रिमांड पर भेज दिया है। दूसरी ओर राजस्थान भाजपा ने कहा है कि राज्य के गृह एवं मुख्य सचिव ने फोन टैपिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में क्या बिना किसी आधिकारिक आदेश के फोन टैप करना हमारे नागरिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है ।