डेस्क: कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं आज सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत हुई। इस दौरान किसानों ने सरकार की तरफ से दिए गए खाने को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार से कृषि कानूनों पर कोई समझौता नहीं होता वे सरकार की दी हुई किसी चीज का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
किसान नेताओं ने अपने भोजन का प्रबंध स्वयं किया जानकारी के अनुसार किसानों के लिए राजमा-चावल, सब्जी पूरी और दाल-सब्जी रोटी लंगर से लायी गयी है इसके साथ ही एक ड्रम चाय भी लाई गयी है। इसके लिए शाम तीन बजे एक एंबुलेंस के जरिये खाने-पीने का सभी सामान वार्ता स्थल विज्ञान भवन तक लाया गया।
बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 8 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार किसानों को समझाने में जुटी है। सरकार का कहना है कि कृषि कानून किसानों के पक्ष में है। आज की बैठक में किसान नेताओं की तरफ से कविता तालुकदार अकेली महिला हैं। कविता एक सोशल एक्टिविस्ट हैं और इस आंदोलन की सेंट्रल कोऑर्डिनेशन कमिटी की मेंबर भी हैं। इस चर्चा में किसान नेताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए कविता ने जबरदस्त दलीलें दी हैं।