निजी शिपिंग कम्पनी में कार्यरत जबलपुर निवासी एमपी मनमद किरण को मलेशिया कोर्ट ने बिना वीजा के शहर में प्रवेश पर एक महीने की सजा सुनाई है। 15 दिन की सजा मनमद काट चुका है। 15 दिन की सजा माफ कराने के लिए परिजन को 17 हजार रुपए जुर्माना जमा करना होगा। सोमवार को मलेशिया के मिरी शहर की पुलिस ने मनमद की परिजन से बात करायी। परिजन इस बात से परेशान है कि वह जुर्माना की राशि कैसे मलेशिया में जमा कराए। इसे लेकर वह सोमवार को कलेक्टर भरत यादव और प्रदेश सरकार के मंत्री लखन घनघोरिया से मिलकर मामले में मदद की गुहार लगाई।
वही मनमद किरण की रिहाई को लेकर सोशल मीडिया पर उसके दोस्त और रिश्तेदारों ने अभियान चला रखा है। ट्विट के माध्यम से पीएमओ, प्रदेश सरकार, भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय को मनमद की मलेशिया में गिरफ्तारी और उसकी पत्नी व बच्चों के बारे में जानकारी दी गई है। दरसल मनमद किरण निजी शिपिंग कम्पनी डिबामा ट्रांसपोर्टटेशन सर्विसेस कम्पनी में सी-मैन है। भुवनेश्वर से 11 अगस्त को शिप में काम करने को मलेशिया गया था। 12 अगस्त का कोलालम्पुर से मिरी शहर पहुंचा था, तब उसकी बात हुई थी। तीन महीने बाद 13 नवम्बर को मलेशिया के मिरी शहर के पुलिस स्टेशन से भाई का कॉल आया और बताया कि यहां की पुलिस ने उसे बिना वीजा के शहर प्रवेश पर गिरफ्तार कर लिया है।