यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के रवैये का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पहुंचा। कांग्रेस ने आयोग को मानवाधिकार हनन से जुड़ीं तस्वीरें, वीडियो और जरूरी दस्तावेज सौंपे। सभी नेताओं के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन भी सौंपा गया। मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में एक व्यवस्थित प्रक्रिया शुरू की गई है। वे लोगों को बबर्रता से पीटने के लिए पुलिस मित्रों की भर्ती कर रहे हैं। यह भारत के विचार और संविधान के खिलाफ है।
राहुल ने आगे कहा, हम ऐसा देश नहीं बन सकते, जहां नेतृत्व अपने ही लोगों से बर्बरता करता है। आप (एनएचआरसी) मानवाधिकारों की रक्षा के लिए उपयुक्त संस्थान हैं। अगर एनएचआरसी दस्तावेजों की गहनता से जांच करेगी तो आप मान लेंगे कि यूपी में कुछ बहुत ही ज्यादा गलत हुआ है।
आयोग के साथ करीब आधा घंटे की बातचीत के बाद डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यूपी में मानवाधिकार हनन को लेकर हमने विस्तार से चर्चा की और तीन खंडों में दस्तावेज सौंपे हैं। सिंघवी ने आरोप लगाया कि पुलिस मित्र के नाम पर आरएसएस के लोगों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मरने वाले और घायलों की आंख, पीठ और छाती पर गोलियां लगी हैं इनके फोटो, संबंधित इलाका और आरोपी अधिकारियों के नाम भी दिए हैं। पुलिस की निष्पिक्षता पर सवाल उठाते हुए सिंघवी ने कहा, खुलेआम लोगों को धमकियां दी जा रही है कि अगर विरोध-प्रदर्शन करोगे तो कार्रवाई कर प्रॉपर्टी आदि सील करेंगे।