डेस्क: नोटबंदी के आठ महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक पुराने नोटों की गिनती करने में जुटा हुआ है। आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल का कहना है कि नोटों की गिनती जारी है। संसद की स्थायी समिति के सामने हाजिर हुए पटेल ने उन 12 उद्योगपतियों के नाम बताने से भी मना कर दिया, जिन पर बैंकों के कुल फंसे हुए कर्जों (एनपीए) का 25 फीसदी तक बकाया है।
तो वहीं संसद की स्थायी समिति अगले हफ्ते शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र में नोटबंदी को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करने वाली है, इसलिए पटेल को सम्मन जारी कर बुलाया गया था। इस दौरान पटेल से यह सवाल पूछा गया कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के कितने पुराने नोट 30 दिसंबर तक वापस लौटे।
मिली जानकारी अनुसार उर्जित पटेल ने समिति को बताया कि पुराने नोटों को गिनने का काम लगातार जारी है और केंद्रीय बैंक गिनती के दौरान नकली नोट को छांटती जा रही है और इन नोटों के छांटने के लिए विशेष मशीनों की खरीद की गई है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने गिनती में देरी का दूसरा कारण यह बताया है कि जिला स्तरीय सहकारी बैकों तथा नेपाल से अभी भी पुराने नोट केंद्रीय बैंक के पास लौट रहे हैं। उन्होंने समिति के समक्ष कहा कि आरबीआई के कर्मचारी नोटों को गिनती के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं और मशीनों की मदद भी ली जा रही है और 7.7 लाख करोड़ के पुराने नोट वापस लिए गए और साथ ही 15.4 लाख करोड़ के नए नोट प्रचलन में वापस लौट गए हैं।