डेस्क: राजस्थान,श्रीगंगानगर करीब चार साल पहले मटीलीराठान थाना क्षेत्र गांव 3 के पास मानव रहित रेलवे फाटक पर लाइन क्रॉस करते समय ट्रेन की चपेट में बोलेरो जीप दुर्घटना ग्रस्त होने पर युवक की मौत हो गई थी, इस युवक की मौत के लिए लापरवाही से ड्राइविंग करने के आरोप में अदालत ने जीप चालक को दोषी मानते हुए उसे दो साल कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। इसके साथ साथ मृतक के परिवार को अलग से दो लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति करने के आदेश दिए गए है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि मृतक के परिजन यदि मोटरयान दुर्घटना दावा प्राधिकरण में क्लेम करते है तो वहां इस क्षतिपूर्ति की राशि का समयोजन नहीं होगा, यह राशि अलग से दोषी चालक को देनी पड़ेगी। यह निर्णय शुक्रवार को ग्राम न्यायालय के ग्रामाधिकारी अनुभव तिवाड़ी ने सुनाया।
मामले के तथ्यों के अनुसार मिर्जेवाला निवासी विजेन्द्र कुमार पुत्र गोवर्धन जाट ने मटीलीराठान थाने में 26 जून 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी दुकान पर सिजन्टा कंपनी के अधिकारी पाली जिले के गांव बर्दी निवासी चक्रवर्ती सिंह पुत्र हड़वंत सिंह आए थे, इस अधिकारी की बोलेरो जीप में उसका बड़ा भाई विनोद कुमार सवार होकर चला गया। यह जीप गांव 3 केके के पास मानव रहित रेलवे फाटक पर पहुंची तो उसी समय ट्रेन आ रही थी। जीप चालक चक्रवती सिंह ने अनदेखी करते हुए रेलवे लाइन क्रॉस करने लगे, तभी सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर के बीच चलने वाली पैंसेजर ट्रेन जैसे यहां से गुजरी तो उसमें जीप चपेट में आ गई और जीप के परखचे उड़ गए। इसमें उसके भाई विनोद की मौत हो गई। अदालत ने जीप चालक को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 279 में छह माह कारावास व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 304 ए में दो साल कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।