डेस्क: अभिनेत्री खुशबू सुंदर के जल्द ही भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने सोमवार को उन्हें अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटा दिया है। खबर है कि खुशबू सुंदर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। खुशबू काफी समय से पार्टी से नाराज चल रही थीं। रविवार को वह दिल्ली पहुंची थीं। इसके बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म था।
खुशबू ने अपने पत्र में कहा कि पार्टी के भीतर उच्च स्तर पर बैठे कुछ लोगों की जमीनी हकीकत और सार्वजनिक मान्यता से कोई जुड़ाव नहीं है, उन्होंने कहा कि जो पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करना चाहते थे, उनकी आवाज को दबाया जा रहा है।
29 सितंबर 1970 को जन्मी खुशबू ने हिंदी फिल्म ‘द बर्निंग ट्रेन’ (1980) से एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था। वह बाल कलाकार के रूप में कई हिंदी फिल्मों का हिस्सा रहीं।
खुशबू ‘नसीब’, ‘लावारिस’, ‘कालिया’, ‘दर्द का रिश्ता’ और बेमिसाल जैसी फिल्मों का हिस्सा थीं। बाद में 1985 में, उन्होंने ‘जानू’ में जैकी श्रॉफ के साथ अभिनय किया। उन्होंने 1990 में ‘दीवाना मुझ सा नहीं’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें आमिर खान और माधुरी दीक्षित ने अभिनय किया था।
हालांकि, खुशबू ने मुख्य रूप से तमिल फिल्मों में अभिनय किया और खूब नाम कमाया। उन्होंने मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है। 50 वर्षीय ने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।
खुशबू सुंदर ने कहा कि वह मानती है कि यह समय है जब देश को आगे ले जाना है। यह सौभाग्य की बात हैे कि हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कर्मठ नेतृत्व है और देशवासियों को विश्वास है कि श्री मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है और तरक्की की राह पर अग्रसर है।
कहा कि वह अब से पूरी तरह से भाजपा की समर्पित कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो भी दायित्व सौंपेगी, उसे वह पूरी निष्ठा से पूरा करेंगी। उन्होंने अगले वर्ष तमिलनाडु में होने वाले चुनाव में भाजपा की जीत के लिए जीजान से परिश्रम करने की भी प्रतिज्ञा की।
जानकारी के मुताबिक, खुशबू इससे पूर्व भी अनेक पार्टियों से जुड़ी रही हैं। वह साल 2010 में डीएमके में शामिल हुई थीं, जब डीएमके सत्ता में थी। हालांकि, 4 वर्ष के पश्चात उन्होंने डीएमके छोड़ दी। उसी वर्ष 2014 में वह सोनिया से मिलने के पश्चात कांग्रेस में शामिल हो गईं। किन्तु खुशबू को 2019 के लोकसभा चुनावों हेतु टिकट नहीं दिया गया था। जबकि राज्य में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की थी। न ही उन्हें राज्यसभा हेतु चुना गया। इससे वह पार्टी से नाखुश चल रही थीं। खुशबू राज्य में बहुत लोकप्रिय रही हैं। तमिलनाडु में आठ महीने दूर राज्य के चुनावों संग, राज्य में अपनी सीमित पहुंच के साथ भाजपा खुशबू की ‘स्टार पावर’ को आजमाना चाहेगी।