डेस्क: भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत पर कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए लगा सात साल का बैन रविवार को खत्म हो गया। इस तेज गेंदबाज पर शुरुआत में आजीवन बैन लगाया गया था लेकिन उन्होंने इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। सैंतीस साल के श्रीसंत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बैन खत्म होने पर उनका कम से कम घरेलू करियर को दोबारा शुरू करने का इरादा है और उनके घरेलू राज्य केरल ने वादा किया है कि अगर यह तेज गेंदबाज अपनी फिटनेस साबित कर दे तो वे उसके नाम पर विचार करेंगे।
साल 2013 में मैच फिक्सिंग के आरोप में श्रीसंत व उनके साथ दो अन्य खिलाड़ियों बैन लगा दिया गया था। श्रीसंत ने प्रतिबंध समाप्त होने से कुछ दिन पहले शुक्रवार को ट्वीट किया, मैं अब किसी भी तरह के आरोपों से पूरी तरह मुक्त हूं और अब उस खेल का प्रतिनिधित्व करूंगा जो मुझे सबसे अधिक पसंद है। मैं प्रत्येक गेंद पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा फिर चाहे यह अभ्यास ही क्यों ना हो। मेरे पास अधिकतम पांच से सात साल का समय बचा है और मैं जिस भी टीम की ओर से खेलूंगा उसके लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा।
बता दे कि, 2018 में केरल उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई के इन खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के फैसले को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में इन खिलाडियों की सजा कम करने का बीसीसीआई को निर्देश दिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने खिलाड़ियों की सात साल की सजा कम कर दी। ऐसे में 13 सितंबर 2020 के दिन श्रीसंत पर सभी प्रकार के बैन समाप्त हो गए हैं।
आपको बता दे, साल 2005 में श्रीसंत ने इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसी साल उन्होंने एक दिवसीय मैच और 2006 में टेस्ट में पदापर्ण किया था। उन्होंने अपने करियर में 53 वनड़े मैच खेले और इस दौरान उन्होंने 75 विकेट भी लिए। अगर टेस्ट की बात की जाए तो श्रीसंत ने 27 टेस्ट में 87 विकेट लिए हैं। वहीं श्रीसंत ने 10 टी20 मैच खेले जिसमें उन्होंने 7 विकेट लिए हैं। आईपीएल में श्रीसंत ने 44 मैचों में 40 विकेट अपने नाम किए हैं।