डेस्क: पाकिस्तान की और से नापाक हरकतें लगातार जारी है जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में जिला संगरूर के लोहा खेड़ी गांव का रहने वाला जवान लाश नाईक करनैल सिंह शहीद हो गया करनैल सिंह 2012 में फौज में भर्ती हुआ था घर की हालत ठीक नहीं थी क्योंकि उनके पास जमीन बेहद कम थी वह पांच भाई बहन थे दो भाई तीन बहने करीब डेढ़ साल पहले करनैल सिंह की शादी हुई थी और उसके एक छोटा 1 साल का बेटा है कल रात पत्नी के साथ 8:00 बजे के करीब 2 मिनट तक बात हुई तो उसने बताया कि उसकी छुट्टी मंजूर हो चुकी है वह घर आएगा और उसने पत्नी से यह भी पूछा कि पठानकोट से बस कब चलती है क्योंकि उसने सीधा संगरूर आना था उसके बाद उसका फोन कट गया जब पत्नी ने दोबारा 9:00 बजे फोन लगाया तो उसका फोन स्विच ऑफ था लेकिन रात को 11:00 बजे उसके भाई को सूचना दी गई की लांश नाईक करनैल सिंह अब नहीं रहे।
उनकी मौत हो चुकी है जिसके बाद गांव में गम का माहौल है बुजुर्ग माता-पिता बड़ी बहन ने जिन का रो रो कर बुरा हाल है बहनों का कहना था कि उनका लाडला छोटा भाई था उसी के सहारे घर का गुजारा चलता था उसका 1 साल का बेटा है जो बेहद छोटा है जहां भाई को अपने भाई के देश के लिए शहीद होने पर गर्व है वही भाई का इस दुनिया से इतनी छोटी उम्र में जाने का दुख भी है पाकिस्तान की इस नापाक हरकतों के चलते हमारे जवान हर रोज बॉर्डर पर शहीद हो रहे हैं।
शहीद करनैल सिंह की पत्नी ने बताया कि उनकी अकसर ही फोन पर बात होती रहती थी उसने कई बार उसको कहा था कि आप बहुत डेंजर एरिया में हो लेकिन वह मुझे कहता था कि आप फिकर मत करो जहां पर कुछ नहीं है जब कई बार फोन पर बात करती थी तो पीछे से गोलियों की आवाज सुनाई देती थी कल रात 7:08 बजे के बीच मेरी 2 मिनट तक उससे बात हुई तो उन्होंने मुझे कहा कि मेरी छुट्टी मंजूर हो गई है मैं घर आ रहा हूं क्योंकि पहले उसकी छुट्टी मंजूर हुई थी वह कैंसिल हो गई थी उसने आज घर आना था।
करनैल सिंह की बहन ने कहा कि वह पांच भाई बहन थे वह सब का लाडला था सबसे छोटा था उसी के सारे घर का गुजारा चलता था डेढ़ साल पहले उसकी शादी की गई थी उसके 1 साल का बेटा है हमारे बुजुर्ग माता-पिता का अकेला ही खर्चा उठाता था । हमारे घर घर की हालत बेहद खराब थी मेरा भतीजा भी मैं छोटा है 1 साल का है मेरे से 18 अगस्त को बात हुई थी उसके बाद मेरी तो अपने भाई से बात भी नहीं हो पाई।