डेस्क: किसान बिल पर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है बी च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बिल को लेकर बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा की मैं देश के लोगों को, देश के किसानों, देश के उज्ज्वल भविष्य के आशावान लोगों को भी इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा है कि नए बिल किसानों को अपनी पसंद की जगह पर अपनी उपज बेचने की आजादी देंगा।
बिल के खिलाफ हल्ला बोलने वाले दलों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट पर पिछली सरकार कदम नहीं उठा रही थी। पीएम मोदी ने कहा, कृषि क्षेत्र में इन ऐतिहासिक परिवर्तनों के बाद, कुछ लोग नियंत्रण खो रहे हैं। अब ये लोग एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वे वही लोग हैं जो एमएसपी पर स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों पर सालों से बैठे थे।
बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में 14 हजार 258 करोड़ रुपये की 9 राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखने के साथ ही राज्य में ऑप्टिकल फाइबर केबल इंटरनेट सेवा का भी उद्घाटन किया। उन्होंने संसद द्वारा पारित कृषि सुधार बिल को 21वीं सदी के भारत की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं।
कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा। बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है।
उन्होंने कहा कि कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए, वहां का कंप्यूटराइजेशन कराने के लिए, पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसलिए जो ये कहता है कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहा है।
मोदी ने कहा कि ये भी जगजाहिर रहा है कि कृषि व्यापार करने वाले हमारे साथियों के सामने एसेन्शियल कमोडिटी एक्ट के कुछ प्रावधान हमेशा आड़े आते रहे हैं। बदलते हुए समय में इसमें भी बदलाव किया है। दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब इस एक्ट के दायरे से बाहर कर दी गई हैं।
उन्होने कहा अब देश के किसान, बड़े-बड़े स्टोरहाउस में, कोल्ड स्टोरेज में इनका आसानी से भंडारण कर पाएंगे। जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा।
पीएम ने कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1लाख 13हजार करोड़ रु. MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है।