डेस्क: चीन और भारत की सीमा पर वो सब कुछ हो रहा है जो आम तौर पर देखने को नहीं मिलता था। हालाकि, चीन मौके का फायदा उठा कर भारत की सीमा में घुसने की कोशिश जरुर करता आ रहा है लेकिन बात हथियारों या हिंसा तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती थी। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। सीमा पर जवानों की मौत भी हो रही हैं और बंदूकों से गोलियां भी चलाई जा रही है। 7-8 सितंबर की रात लद्दाख में पेंगोंग झील के दक्षिण इलाके में भले ही फायरिंग हवा में की गई हो लेकिन इसका असर बीजिंग तक हुआ है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा है कि एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में फ़ायरिंग हुई है। बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने दक्षिण पैंगोग झील के किनारे फिर घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने रोका तो गोलियां चलाई। भारत की तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई।
चीन का कहना है कि सोमवार को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर गैर-कानूनी तरीके से वास्तविक सीमा रेखा को पार किया और चीनी सीमा पर तैनात सैनिकों पर गोलीबारी की।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हालात को स्थिर करने के लिए चीनी सैनिकों को मजबूर होकर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
सीमा पर तैनात सैनिक तब से हाई अलर्ट पर हैं, जब से उन्होंने काला टॉप और हेल्मेट टॉप को अपने नियंत्रण में लिया है और चीनी सैनिक इन दोनों चोटियों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए पहले चेतावनी दी गई और न रुकने पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गोलीबारी की घटना हुई है। हालांकि सूत्रों ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। उधर, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली की ओर से देर रात दिए गए बयान में कहा गया कि भारतीय सैनिकों की ओर से कथित ‘उकसावे’ की कार्रवाई की गई जिससे चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई। पीएलए प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने अवैध रूप से पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पास शेनपाओ पहाड़ में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास को पार किया।
पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर की थाकुंग चोटी पर 29/30 अगस्त की रात चीनी घुसपैठ नाकाम किये जाने के बाद भारत और चीन के बीच तनाव ज्यादा बढ़ा। इसके बाद ब्रिगेड कमांडर स्तर पर बातचीत के जरिए मसले का हल निकालने की कोशिश की गई लेकिन लगातार 6 दिन तक की गई वार्ता नाकाम रही। इसी के बाद से लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच टकराव बढ़ा। इस बार पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर का लगभग 70 किमी. क्षेत्र भारत और चीन के बीच नया हॉटस्पॉट बना है। यह नया मोर्चा थाकुंग चोटी से शुरू होकर झील के किनारे-किनारे रेनचिन ला तक है।
भारत की सीमा में आने वाले इस पूरे इलाके में रणनीतिक महत्व की तमाम ऐसी पहाड़ियां हैं जिन पर भारतीय सेना ने दो दिन के भीतर कब्जा कर लिया। 1962 के युद्ध के बाद दोनों देश अब तक इन पर सैन्य तैनाती नहीं करते रहे हैं।