डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना के आंकड़े बहुत डरा देने वाले हैं। यहां लगातार बढ़ रहे पॉजिटिव केसों में अब कोरोना वॉरियर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। एक कोरोना वॉरियर पिता के उपचार के लिए तो उसके बेटे को 4 अस्पताल घूमना पड़ा। एंबुलेंस नहीं मिली तो वह पिता को बाइक से ही लेकर निकला, मगर फिर पिता की जान नहीं बचा पाया।
मृतक पुलिसकर्मी के बेटे पार्थ ठाकोर ने बताया कि, 23 मई को पापा को शेल्बी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 28 मई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन घर आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर वह उन्हें फिर शेल्बी हॉस्पिटल ले गया। हालांकि, वहां पीआई साथ होने के बावजूद न सिर्फ हमें 3 घंटे तक बिठाया, बल्कि पिता को भर्ती करने से इन्कार भी कर दिया। बाद में हम उन्हें एलजी अस्पताल ले गए। जहां एक्सरे के बाद जांच हुई, लेकिन 3 घंटे बाद बताया गया कि, हम इस तरह के केस नहीं लेते। इसके बाद एसवीपी अस्पताल जाने के लिए एम्ब्युलेंस को फोन किया। पर वो नहीं आने के कारण में पापा को बाइक से ले गया। हालांकि वहां भी जगह नहीं होने का कारण बताकर हमें सिविल अस्पताल भेजा गया। इस दौरान पिता की तबीयत काफ़ी ज्यादा बिगड़ गई और वहां उपचार के दौरान मौत हो गई।
वही बेटे पार्थ ने अस्पताल प्रबंधन पर अमानवीयता का आरोप लगाया और कहा कि पीआई साथ होने के बावजूद जब एक कोरोना वॉरियर को उपचार के लिए इतना भटकना पड़ता है, तो आम इन्सान के साथ क्या होता होगा मेरे पिता को अगर समय पर उपचार मिल गया होता तो शायद उनकी जान बच जाती।