डेस्क: दिल्ली के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली 46 वर्षीय नर्स की मौत के बाद उसके साथियों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अस्पताल में काम करने वाली अन्य नर्सों का आरोप है कि ‘उन्हें इस्तेमाल किए हुए पीपीई किट, ग्लव्ज और मास्क दिए जाते हैं।’ बता दें कि दिल्ली के कालरा अस्पताल में काम करने वाली नर्स अंबिका पीके की रविवार की दोपहर सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमण के कारण नर्स की मौत का यह दिल्ली का पहला मामला है।
दरअसल, रविवार को कालरा अस्पताल में काम करने वाली अंबिका पीके की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हो गई थी। उसे वहां 21 मई को भर्ती कराया गया था। दिल्ली में कोविड-19 से मरने वाले वे पहली नर्स हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अखबार ने अस्पताल में काम करने वाले 10 नर्सिंग स्टाफ से पीपीई किट के इस्तेमाल को लेकर बात की साथ ही अंबिका के बेटे से भी बात की गई। अखबार के अनुसार कालरा अस्पताल की एक सीनियर नर्स ने बताया, ‘डॉक्टर को जहां नए पीपीई किट दिये जाते थे वहीं, नर्सों को इस्तेमाल किए जा चुके पीपीई किट पहनने को मिलते थे। हम जब इस पर विरोध जताते तो कहा जाता कि ये नामित कोविड-19 अस्पताल नहीं है, हम सबसे कम रिस्क पर हैं और इसलिए पीपीई किट का दोबारा प्रयोग कर सकते हैं।
वहीं अस्पताल के मालिक डॉ. आरएन कालरा ने इन आरोपों से इंकार किया है और बताया कि सभी कर्मचारियों को पर्याप्त संख्या में पीपीई किट और हेंड सैनेटाइजर मुहैया कराए गए हैं। डॉ. कालरा ने बताया कि मुझे किसी स्टाफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो वह इस मामले की जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।