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अब करोनो से मरने वाले लोगो के संस्कार से पहले अंतिम दर्शन कर सकेंगे परिजन, कोविड 19 की नई गाइडलाइन्स में हाईकोर्ट के सुझाव के बाद किया गया संसोधन

डेस्क: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में दिए सुझावों को केंद्र सरकार ने स्वीकार करते हुए कहा है कि कोविड -19 के गाइडलाइन में संशोधन किया जा रहा है जिसके बाद अब कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के परिजन संस्कार से पहले उसके अंतिम दर्शन कर सकेंगे और शवों की अदला बदली में नहीं होगी।

Punjab haryana highcourt

जनहित याचिका दाखिल कर एडवोकेट एच सी अरोड़ा ने हाईकोर्ट को बताया था कि कोरोना के कारण मरने वाले व्यक्ति का शव पूरी तरह पैक कर दिया जाता है जिसके अंतिम दर्शनों को भी परिजन तरस जाते है जिन्हे यह भी नहीं पता होता कि जिस व्यक्ति का वह संस्कार कर रहे हैं वह उन्ही के परिवार का व्यक्ति है भी या नहीं। याचिका में प्रीतम सिंह व देश के कई हिस्सों में बदले शवों की घटनाओ का जिक्र करते हुए मांग की गई थी कि कोरोना से मरने वाले व्यक्ति के शव को इस प्रकार पैक किया जाए कि ज़िप खोल कर अंतिम बार परिजन उसका चेहरा देख सके बेशन चेहरा कैरी बैग्स के भीतर ही हो जिससे संक्रमण नहीं फैलेगा ।

 

Corona death cremation

 

हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार व स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय का पक्ष जान्ने के लिए नोटिस किया था । शुक्रवार को सुनवाई के दौरान केंद्र की और से अडिशनल सॉलिसटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि याचिकर्ता के सुझावों पर विचार करने के बाद कोविंद -19 की गाइडलाइंस में बदलाव करने का फैसला लिया है जिसके बाद अब परिजनों को संस्कार से पहले कोरोना विक्टिम का चेहरा दिखाया जा सकेगा । हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दलील राखी गई कि कोरोना विक्टिम की मौत के बाद उसके शव को शवगृह तक लाने व शवगृह से शमशानघाट लेजाते वक्त ट्रांसपेरेंट कवर से पैक किया जाना चाहिए ताकि परिजन उसका चेहरा भी देख पाए और शव बदले भी ना ।

खंडपीठ ने केंद्र के जवाब के बाद याची को याचिका वापस लेने का अधिकार देते हुए मामले का निबटारा कर दिया है।

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