Home Haryana भाजपा सरकार लोकसभा और विधानसभा का आपात सत्र बुलाए- दीपेंदर हुड्डा

भाजपा सरकार लोकसभा और विधानसभा का आपात सत्र बुलाए- दीपेंदर हुड्डा

डेस्क: हरियाणा के एक मात्र विपक्ष के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्र व प्रदेश की खट्टर सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाए जाने की मांग की है।

हुडा का कहना है कि दोनों ही सरकारें लोगों का विश्वास खो चुकी हैं और हरियाणा के सरकार अल्पमत में चल रही है। लोकसभा सत्र में किसानों की मांगों के साथ-साथ अन्य सभी समस्याओं पर विचार होना चाहिए और प्रदेश की खट्टर सरकार को अपना बहुमत साबित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोकसभा का शीतकालीन सत्र रद्द कर लोकतंत्र की हत्या की है और हरियाणा सरकार सत्र बुला ही नही रही है, आज तक कभी देश के इतिहास में ऐसा नही हुआ जो अब हो रहा है।

राज्य सभा संसद कांग्रेस के जिला संयोजक सरदार तरलोचन सिंह के निवास पर उनकी माता जी के देहांत पर दुख: प्रकट करने के लिए खासतौर पर आए हुए थे। ज्ञात रहे कि सरदार तरलोचन ङ्क्षसह की माता सरदारी राम कौर का पिछले दिनों निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि माताजी के निधन से परिवार को जो क्षति हुई है, वह अपूर्णेनीय है, माँ माता ही होती है, उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। इसके उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री हुडड ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सभी तानाशाहों को पीछे धेकल दिया है।

हुड्डा ने हाल में हरियाणा सरकार के पब्लिकसिटी के चैयर रॉकी मित्तल को उनके पद से हटाए जाने व उनके द्वारा प्रदेश में 15 सौ करोड़ रुपए का पब्लिसिटी स्केम घोटाला उजागर करने के मामले में पुछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि इस बड़े घोटाले की जांच हाईकोर्ट के स्टिंग जज से कराई जानी चाहिए, क्यों कि उन्हें अब उन्हें किसी भी एजेंसी पर विश्वास नही है। उन्होंने बताया कि रॉकी मित्तल मुख्यमंत्री के बेहद ही विश्वसनीय में से एक थे, लेकिन उनके द्वारा इतना बड़ा घोटाला उजारग करने से ये बात साफ हो गए है कि हरियाणा ने प्रचार प विज्ञापनों के बटवारे में बंदर बांट की है।

एसवाईएल के मुद्दे को लेकर पुछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा पंजाब व हरियाणा के किसानों में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मीडिया से सवाल करते हुए कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर पिछले 3 सालों से भाजपा के सांसद और विधायक कहां गायब थे। अब जब देश के किसान भाजपा के द्वारा लागू किए तीन कृषि कानूनों को रद् करने की मांग को लेकर सडक़ों पर उतरे हुए है, तब इन्हें एसवाईएल का पानी याद आ रहा है।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि प्रजा की बात मानें और राजहट को त्याग कर तीनों कानूनों को जल्द से जल्द वापिस लें। श्री हुड्डा ने कहा कि किसान छोटा-बड़ा नही होता और मांगे मानना हार-जीत की बात नही है, बल्कि सरकार को किसानों के आंदोलन को गंभीरता से लेना चाहिए। खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी में आंदोलन पर बैठे किसानों के बारें में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान कष्ट और पीड़ा झेल रहे हैं, किसान अन्नदाता है, लेकिन सरकार किसानों की बात न मानकर ओच्छी हरकतों पर उतर आई है। केंद्र सरकार से अपील करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस मामले में स्वयं प्रधानमंत्री जी को हस्तक्षेप करते हुए किसानों की मांगों का समाधान करना चाहिए।

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