हरियाणा: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि विपक्षी दलों के नेता तीन नए कृषि अध्यादेशों पर किसानों को बहकाने का काम कर रहे है, जबकि सच्चाई यह है कि किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर खरीदी जाएंगी और मंडी व्यवस्था पर भी इन अध्यादशों का कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की फसलें एमएसपी पर नहीं खरीदी जाती है तो, सबसे पहले उनके द्वारा इस्तीफा दिया जाएगा। वे वीरवार को जींद स्थित जननायक जनता पार्टी के जिला कार्यालय पर जनसमस्याएं सुनने के बाद पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
डिप्टी सीएम कहा कि इन तीन कृषि अध्यादेशों का किसानों को फायदा होगा, न कि नुकसान। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज से सात वर्ष पहले इस पार्टी के नेता इन अध्यादेशों को लागू करने जा रहे थे, लेकिन आज जब यह अध्यादेश आ गये हो गए है तो अब उन्हीं के द्वारा ही इनका विरोध किया जा रहा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले गेंहू खरीद के सीजन में भी विपक्षी दलों के नेता इस्तीफे की मांग कर रहे थे लेकिन जब कोरोना काल में भी किसानों की फसलों को व्यवस्थित तरीके से खरीदकर पैसा सीधा किसानों के खातों में डालने का काम किया गया और किसान भी इस व्यवस्था से खुश नजर आए, तब उन नेताओं की बोलती बंद हुई।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अब जब मंडियों में किसानों की खरीफ सीजन की फसलें निर्धारित एमएसपी पर खरीद जाएगी तो विपक्षी दलों की एक बार फिर बोलती बंद होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जाएगा। सरकार द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर जता दिया है कि अध्यादेशों से एमएसपी पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा इसलिए किसी भी किसान को भ्रमित व चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है।