डेस्क: दंगल में दुनियाभर में नाम कमाने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त लगातार दो बार से मात खा रहे हैं। भाजपा का दामन थाम योगेश्वर दत्त ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। लेकिन ये शुरुआत बेहद खराब थी। सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा से साल 2019 में योगेश्वर दत्त ने पहला चुनाव लड़ा था। पहले चुनाव में योगेश्वर दत्त को कांग्रेस के दिवंगत नेता श्रीकृष्ण हुड्डा ने मात दी। तो वहीं अब उपचुनाव में इंदु राज नरवाल के हाथों उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।
दत्त की हार पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा, ‘बरोदा सीट पहले से कांग्रेस के पास थी, हम अवसर को चुनौती में नहीं बदल पाए।
यह सीट कांग्रेस के पास ही रह गई। खिलाड़ियों, पहलवानों के प्रदेश हरियाणा में योगेश्वर दत्त जैसे महान खिलाड़ी के विधानसभा नहीं पहुंचने का अफसोस। जनादेश स्वीकार।’ अंतिम परिणाम आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी को 60,367 वोट मिले जबकि बीजेपी प्रत्याशी योगेश्वर दत्त के खाते में 49,850 वोट ही आ पाए।
हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक कृष्णा हुड्डा के निधन के बाद खाली हुई थी। बीजेपी ने यहां ओलंपियाड रेसलर योगेश्वर दत्त को कांग्रेस ने सोनीपत जिला परिषद के पूर्व सदस्य इंदुराज को और इंडियन नेशनल लोकदल ने जोगिंदर मलिक को मैदान में उतारा। इस उपचुनाव में कुल 14 उम्मीदवार खड़े हुए थे। 3 नंवबर को वोटिंग हुई। वोटिंग में 68.57 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। कांग्रेस के कृष्ण हुड्डा ने 2009, 2014 और 2019 में यहां लगातार 3 बार जीत दर्ज की।