गुजरात उच्च न्यायालय ने फिल्म ‘केदारनाथ’ को हिन्दुओं की भावना को ठेस पहुंचाने वाली बताते हुए फिल्म के रिलीज पर प्रतिबंध की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है साथ ही याचिकाकर्ता संगठन इंटरनेशनल हिन्दू सेना पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान अभिनीत यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है। प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अनंत एस. दवे व न्यायाधीश बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से कई सवाल करते हुए यह टिप्पणी की कि निजी हितों के लिए याचिका कर लोगों को धर्म के नाम पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि यह संस्था क्या है? इसका मतलब क्या है? क्या यह पंजीकृत संस्था है? यह याचिका क्यों दायर की गई है? खंडपीठ ने यह भी पूछा कि क्या हिन्दूत्व के बारे में कोई जानकारी है? हिन्दू धर्म है या जीवन जीने की पद्धति? हिन्दुओं के कितने वेद और उपनिषद हैं? ह याचिकाकर्ता हिन्दू इंटरनेशनल सेना के वकील सिर्फ यह बात बता सके कि वेद चार हैं। खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए वकील से कहा कि आपको हिन्दू धर्म के बारे में प्राथमिक जानकारी नहीं है और आप हिन्दुओं की भावना को ठेस पहुंचाने के नाम पर जनहित याचिका करते हैं।
बता दे की इंटरनेशनल हिन्दू सेना की तरफ से दायर याचिका में फिल्म ‘केदारनाथ’ में हिन्दू युवती और मुस्लिम युवक के बीच प्रेम संबंध के साथ-साथ केदारनाथ जैसे पवित्र स्थल की पृष्ठभूमि में इस प्रेम संबंध को लेकर सवाल उठाए गए, कहा गया कि केदारनाथ हिन्दुओं का एक पवित्र मंदिर है जो हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है। इस फिल्म में हिन्दुओं की भावना को ठेस पहुंचाने तथा फिल्म में चुंबन के दृश्यों को दिखाकर लव जेहाद को प्रोत्साहन का दावा किया गया था।