कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान एक बार फिर बैकफुट पर आता दिख रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तान ने कुलभूषण मामले में भारत को तीसरी कॉन्सुलर एक्सेस देने की पेशकश की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कॉन्सुलर एक्सेस में पाकिस्तान का कोई सुरक्षाकर्मी न होने की भारत की मांग को मानने की जानकारी दी।
बता दे की इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के आदेशों का लगातार उल्लंघन कर रहे पाकिस्तान ने जाधव पर हैरान कर देने वाला झूठ बोला। कुरैशी ने कहा, “हमने दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस दिया। जाधव से मुलाकात की मंजूरी दी। जाधव भारतीय डिप्लोमैट्स को आवाज देते रहे, लेकिन वे वहां से निकल आए। उन्होंने कुलभूषण से सिर्फ इतना कहा कि बातचीत के लिए माहौल सही नहीं है।”
कुलभूषण से मुलाकात के दौरान इन बातों पर था भारत को ऐतराज
1. कुलभूषण जाधव से भारतीय अफसरों की मुलाकात बिना रुकावट, बिना शर्त और बिना व्यवधान वाली नहीं थी।
2. मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अफसर पास ही मौजूद थे और उनका व्यवहार चेतावनीभरा और डरानेवाला था।
3. कुलभूषण जाधव तनाव में था और यह मुलाकात करने गए अफसर को भी साफ-साफ दिखाई पड़ रहा था।
4. मुलाकात के लिए जिस तरह की व्यवस्थाएं की गई थीं, उनमें खुलकर बातचीत नहीं की जा सकती थी।
5.काउंसलर ने कहा कि पाकिस्तान ने जो मुलाकात करवाई उसके कोई मायने और विश्वसनीयता नहीं हैं।
6. कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए कुलभूषण की मंजूरी के लिए उसके दस्तखत लेने से भारतीय अफसर को रोका गया।
2016 में जाधव को किया गया था गिरफ्तार
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के जासूस हैं। भारत उन्हें कारोबारी बताता है। पाकिस्तान कहता है कि जाधव को 2016 में बलूचिस्तान से गिफ्तार किया गया। भारत कहता है कि जाधव को ईरान से अगवा करके लाया गया। पाकिस्तान की एक फौजी अदालत ने अप्रैल 2017 में कई आरोपों के तहत मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने मई 2017 में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा दायर करके जाधव के लिए काउंसलर एक्सेस की मांग की थी।