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हरियाणा में होगी नौकरियों की बहार, पांच लाख रोजगार का खाका तैयार, जानें क्या है नई नीत

डेस्क: हरियाणा में नौकरियों की बारिश होगी और आने वाले समय में करीब पांच लाख रोजगार देने की तैयाारी है। हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने नई उद्यम एवं रोजगार नीति के जरिये एक लाख करोड़ रुपये के निवेश और पांच लाख युवाओं को रोजगार का खाका तैयार कर लिया है।

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कारोबार को सुगम बनाने के लिए सेवा का अधिकार कानून में 41 और सेवाएं शामिल की गई हैं। अतिरिक्त 36 नई सेवाओं के एकीकरण से सिंगल विंडो सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा। नई नीति में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के विकास और उनका कारोबार बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उद्यम एवं रोजगार नीति, 2020 को स्वीकृति प्रदान की गई। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के नाते हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश भर के उद्यमियों से विचार विमर्श के बाद यह पालिसी तैयार की है। नई नीति का फोकस मजबूत औद्योगिक विकास के बल पर लचीली अर्थव्यवस्था बनाने पर रहेगा। औद्योगिक विकास के आधार पर राज्य को चार खंडों में विभाजित किया गया है। ‘ए’ श्रेणी ब्लाक में औद्योगिक रूप से विकसित क्षेत्र, ‘बी’ श्रेणी में मध्यवर्ती विकास के क्षेत्र और ‘सी’ श्रेणी में औद्योगिक रूप से पिछड़े क्षेत्र शामिल हैं। ‘डी’ श्रेणी के ब्लाक में औद्योगिक रूप से अति पिछड़े क्षेत्र शामिल हैं। हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा विशेष प्रोत्साहन के पैकेज के लिए इस नीति के तहत परिभाषित अल्ट्रा-मेगा, मेगा और कलस्टर परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा। ई नीति में एमएसएमई क्षेत्र के विकास पर बल देने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कलस्टर विकास, बाजार संपर्कों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने, विनियामक सरलीकरण, बुनियादी ढांचे संबंधी सहायता और राजकोषीय प्रोत्साहनों की परिकल्पना की गई है।
राज्य में कारोबार की लागत को कम करने और उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एमएसएमई, बड़े, मेगा और अल्ट्रा-मेगा इंटरप्राइजेज, निर्यात इकाइयों, थ्रस्ट सेक्टर इंटरप्राइजेज, आवश्यक क्षेत्र के उद्यमों, इम्पोर्ट सब्स्टिट्यूशन इंटरप्राइजेज और चिह्नति सेवा उद्यमों को आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों की एक पूरी श्रृंखला की पेशकश की गई है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की राष्ट्रीय मुहिम को और बढ़ावा देने के लिए इंपोर्ट सब्सि्टट्यूशन की सहायता करने वाले पात्र उद्यमों को भूमि की कीमत पर रियायत भी प्रदान की जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सूक्ष्म उद्यमों की सहायता के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास योजना शुरू की जाएगी। इस नीति के तहत प्रदेश में समावेशी आíथक विकास को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा चलाए जाने वाले सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

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