डेस्क: हरियाणा के करनाल, तरावड़ी में 7 लोगों पर लगाए गए गैंगरेप के आरोपों को पीड़ित महिला ने वापस ले लिया है। दरसल गुरुवार को रेप पीड़िता ने महिला आयोग के सामने न्याय की मांग की थी, जबकि शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान में रेप के आरोपों को नकार दिया ।
हैरानी की बात है कि कथित पीड़ित महिला 13 जुलाई की रात को तरावड़ी थाने में पहुंची और 7 लोगों व एक महिला पर गैंगरेप के आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा दी और पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपियों को पूछताछ के लिए बिठा लिया।
बता दे की मामले में पहले महिला खुद थाना में गई और इसके बाद उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गई अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा और वह बयान दर्ज तक नहीं करवा पाई। इसके बाद सातों लोगों को पुलिस की हिरासत में रहना पड़ा और इसके बाद महिला अचानक से ठीक होकर 16 जुलाई को महिला आयोग की सदस्य के सामने आकर न्याय की गुहार लगाने लगी और अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी सुनाई और महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ से न्याय दिलाने की बात कही। लेकिन हुआ कुछ ऐसा की पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुई और डिप्रेशन का शिकार बताकर आरोपों से मुकर गई, कहा कि उसे मालूम नहीं कि यह मामला कैसे दर्ज हुआ।
महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ ने कहा की मैं महिला के बयान इसलिए लेने आई थी कि कहीं कोई दबाव तो नहीं है। कोई समझौता के लिए दबाव तो नहीं बना रहा है, लेकिन उस समय महिला न्याय दिलाने की बात कर रही थी। हमारा काम भी महिलाओं को न्याय दिलाना है, लेकिन महिला कैसे बयानों से मुकरी, इसकी जांच की जाएगी।