28 MAY 2022
केंद्र, ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर नकली समीक्षाओं पर नजर रखने के लिए एक रूपरेखा (तंत्र) विकसित करेगा। उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) भारत में ई-कॉमर्स संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही मौजूदा व्यवस्था और विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम कार्य प्रणाली का अध्ययन करने के बाद, इस रूपरेखा को विकसित करेगा।
डीओसीए ने वेबसाइटों पर नकली समीक्षा को लेकर भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एससीआई) के साथ-साथ ई-कॉमर्स कंपनियों, उपभोक्ता अधिकार मंचों, कानून विश्वविद्यालयों, वकीलों, फिक्की, सीआईआई, उपभोक्ता के अधिकारों को लेकर आवाज उठाने वाले लोग सहित विभिन्न हितधारकों के साथ एक बैठक की और आगे आने वाली समस्याओं तथा फर्जी समीक्षा की जांच के लिए तैयार फ्रेमवर्क के रोडमैप पर चर्चा की। चूंकि ई-कॉमर्स में उपभोक्ताओं के पास उत्पाद को भौतिक रूप से देखने या जांचने की सुविधा नहीं होती है। वह उत्पाद को वचुर्अली खरीदता है। ऐसे में उपभोक्ता उन खरीदारों की राय और समीक्षा पर बहुत ज्यादा भरोसा करता है, जिन्होंने पहले से ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खरीदारी या सेवा ली है।
डीओसीए सचिव, श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा, “समीक्षक की प्रामाणिकता सुनिश्चित करके पता लगाने की क्षमता और मंच की संबद्ध देयता यहां दो प्रमुख मुद्दे हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों को यह खुलासा करना चाहिए कि वे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से प्रदर्शित करने के लिए “सबसे प्रासंगिक समीक्षा” कैसे चुनते हैं।”
सभी हितधारकों ने सहमति व्यक्त की कि इस मुद्दे की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के इस मुद्दे को हल करने के लिए नकली समीक्षाओं को नियंत्रित करने वाली उपयुक्त रूपरेखा विकसित करनी चाहिए।
ई-कॉमर्स कंपनियों के हितधारकों ने दावा किया कि उनके पास ऐसी रूपरेखा हैं जिसके द्वारा वे नकली समीक्षाओं की निगरानी करते हैं। उन्हें इस मसले पर कानूनी रूपरेखा विकसित करने में भाग लेने में प्रसन्नता होगी।