दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। आज़ाद ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है। उनका इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा सकता है, क्योंकि 50 वर्षों से भी ज़्यादा समय वे पार्टी के साथ जुड़े रहे और गांधी परिवार के भी करीबी नेताओं में शुमार थे।
गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है।
राहुल गांधी पर बड़ा हमला
सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में गुलाम नबी आज़ाद ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गैर-तज़र्बेकार नेताओं से घिरे हुए हैं। पार्टी में सीनियर नेताओं की सुनी नहीं जाती और उन्हें साइडलाइन किया जा रहा है।
चिट्ठी में नेहरू, संजय का जिक्र
आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस से जुड़ने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि छात्र जीवन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुभाष चंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से प्रभावित हुआ था। उन्होंने लिखा है कि 1975-76 में संजय गांधी के आग्रह पर जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला था। आजाद ने लिखा है कि उन्होंने बिना किसी स्वार्थ भाव के दशकों तक पार्टी की सेवा की है।