डेस्क: भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को अंबाला वायुसैनिक अड्डे में विधिवत रूप से राफेल विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया। इस के साथ ये विमान वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन, ‘गोल्डन एरो’ का हिस्सा बन गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की मौजूदगी में राफेल वायुसेना में शामिल हुआ है। अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राफेल विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के कार्यक्रम में सर्व धर्म पूजा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी मौजूद थीं।
राफेल को वायुसेना में शामिल करने से पहले पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी गई है। सर्व धर्म प्रक्रिया के तहत सभी धर्मों के गुरुओं ने यहां पर पूजा की और विधिवत रूप से राफेल को शामिल किया गया। इस दौरान धर्म गुरुओं ने शांति की दुआ मांगी। इसके साथ ही देश के जवानों की सलामती की प्रार्थना की।
उन्होंने कहा कि राफेल को दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है। इसकी सौदा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है।हमारी सीमा पर बन रहे माहौल को देखते हुए राफेल विमानों को शामिल किया जाना अहम है। बदलते समय के साथ हमें खुद को तैयार रखना होगा, राष्ट्रीय सुरक्षा प्रधानमंत्री मोदी के लिए बड़ी प्राथमिकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘मैं आज भारतीय वायु सेना के अपने सहयोगियों को बधाई देना चाहता हूं। सीमा पर हाल ही में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान, LAC के पास भारतीय वायु सेना द्वारा की गई तेज और जानबूझकर कार्रवाई आपकी प्रतिबद्धता दिखाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘जिस गति से आईएएफ ने अपनी ताकत को फॉर्वर्ड पोस्ट्स पर तैनात किया है उससे पता चलता है कि हमारी वायु सेना अपने ऑपरेशन रिस्पॉन्सबिलिटी को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
राफेल फाइटर जेट की अम्बाला स्थित 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन में औपचारिक एंट्री इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। 17 साल बाद देश का कोई रक्षा मंत्री अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर किसी बड़े समारोह में शामिल हुआ है। इससे पहले अगस्त 2003 में एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस ने 73 की उम्र में अम्बाला से मिग-21 बाइसन में उड़ान भरी थी।